आंगनबाड़ी फर्जीवाड़ा: 70 हजार की रिश्वत लेते CDPO का वीडियो वायरल, चार्ज से हटाया
1. नियुक्ति के एवज में मांगी थी घूस
Bareilly News : बरेली में आंगनबाड़ी भर्ती प्रक्रिया में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। बाल विकास परियोजना अधिकारी (CDPO) कृष्ण चंद्र का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इसमें वह एक महिला अभ्यर्थी से 70 हजार रुपये की रिश्वत लेते नजर आ रहे हैं। मामला सामने आते ही जिले में हड़कंप मच गया और प्रशासन ने तत्काल सख्त कार्रवाई शुरू कर दी।
रिश्वतखोरी का वीडियो बना बड़ा सबूत
बरेली देहात के फतेहगंज पश्चिमी थाना क्षेत्र के टिटौली गांव निवासी वीरवती ने आरोप लगाया कि नवंबर 2024 में जब आंगनबाड़ी भर्ती प्रक्रिया चल रही थी। उस दौरान CDPO ने उससे नौकरी दिलाने के बदले 70 हजार रुपये की मांग की। वीरवती ने यह राशि CDPO को उनकी गाड़ी में जाकर सौंपी और इस पूरी घटना का वीडियो अपने मोबाइल फोन से रिकॉर्ड कर लिया। मगर, जब अंतिम चयन सूची में वीरवती का नाम नहीं आया, तो उसने सीडीपीओ से संपर्क किया, लेकिन CDPO ने फॉर्म में खामियों का हवाला देकर बात को टाल दिया। इसके बाद वीरवती ने मुख्य विकास अधिकारी (CDO) जग प्रवेश से मिलकर वीडियो साक्ष्य के साथ शिकायत दर्ज कराई।
सीडीओ ने भेजी शासन को रिपोर्ट, चार्ज हटाए गए
CDO जग प्रवेश ने मामले को गंभीरता से लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग के निदेशक और प्रमुख सचिव को विस्तृत रिपोर्ट भेजी है। रिपोर्ट में वीडियो सहित साक्ष्य दिए गए हैं और CDPO कृष्ण चंद्र के खिलाफ बर्खास्तगी की संस्तुति की गई है। CDO ने मीडिया को बताया, “वीडियो में CDPO को रिश्वत लेते स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। ऐसे भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” उन्होंने आगे बताया कि CDPO से तत्काल प्रभाव से सभी कार्यभार हटा लिए गए हैं।
फर्जी दस्तावेजों पर भी जांच शुरू
आंगनबाड़ी भर्ती प्रक्रिया में फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल की भी शिकायतें सामने आई हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी (DPO) मनोज कुमार ने बताया कि कई चयनित अभ्यर्थियों के आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र संदिग्ध पाए गए हैं। इन सभी की जांच के लिए फाइलें संबंधित SDM को भेज दी गई हैं। यदि दस्तावेज फर्जी पाए जाते हैं, तो संबंधित अभ्यर्थियों की नियुक्ति रद्द कर दी जाएगी। गौरतलब है कि बरेली जिले में 301 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भर्ती प्रक्रिया नवंबर 2024 में शुरू हुई थी। अब तक अधिकांश चयनित अभ्यर्थियों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है, लेकिन सूची जारी होने के बाद से लगातार भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की शिकायतें मिल रही हैं। डीएम के निर्देश पर DPO चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की गहन जांच करवा रहे हैं। जिससे भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
Comments (0)