अखिलेश यादव ने संभल सर्वे को लेकर उठाए सवाल, सरकार की रणनीति पर उठाए प्रश्न
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल ही में धार्मिक स्थलों पर होने वाले सर्वे को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बयान में कहा कि "आखिरकार इतनी जल्दी क्या थी सर्वे को लेकर? जब प्लेसेज ऑफ वरशिप एक्ट है, उसके तहत आप सर्वे नहीं कर सकते, लेकिन सरकार और अधिकारियों ने सोची समझी रणनीति के तहत यह काम किया।"
अखिलेश यादव ने इस बयान में सरकार पर आरोप लगाया कि यह सर्वे जानबूझकर और एक सोची-समझी रणनीति के तहत किया गया। उन्होंने कहा कि इस एक्ट के तहत किसी भी धार्मिक स्थल का सर्वे करना कानूनी रूप से गलत है और यह पूरे देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को खतरे में डाल सकता है।
सपा मुखिया ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार अपनी राजनीतिक फायदे के लिए ऐसे कदम उठा रही है, जो समाज को बांटने का काम कर रही है। उन्होंने इस मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगा और कहा कि इस सर्वे के पीछे की असली मंशा क्या है? वहीं जिले की कमानों को संभाल रहे बड़े अधिकरियों पर जमकर निशाना साधा।
बयान में समाजवादी पार्टी ने यह मामला और भी जोर-शोर से उठाया और यह सवाल किया कि क्या यह सर्वे राजनीतिक साजिश का हिस्सा है? साथ ही अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि यूपी के लोग अब समझ चुके हैं कि इस सरकार का असली मकसद केवल धार्मिक ध्रुवीकरण और वोटों का ध्रुवीकरण करना है। राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार अखिलेश यादव के इस बयान ने प्रदेश के राजनीतिक माहौल को और गरम कर दिया है। इस विवाद के बाद अब यह सवाल उठता है कि क्या सरकार इस सर्वे को लेकर अपनी रणनीति बदलने पर विचार करेगी या फिर इसे पूरी तरह से लागू करेगी?
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