फर्जी दस्तावेजों का खेल, जालसाजी फेल: स्कूल पर कब्जे का प्रयास, एडीजी के आदेश पर एफआईआर
1. नाबालिगों को बना दिया कार्यकारिणी का सदस्य
बरेली। शहर के थाना इज्जतनगर क्षेत्र के गांव नगरिया परीक्षित में स्थित कुंवर रंजीत सिंह साहित्य संगीत कला केंद्र उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को हड़पने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार कर संस्था पर कब्जे की साजिश रचने का मामला सामने आया है। आरोप है कि एक जालसाज ने साथियों के साथ मिलकर खुद को अध्यक्ष और अपने साथी को प्रबंधक घोषित कर दिया। यही नहीं वर्ष 1986 में तीन नाबालिगों को कार्यकारिणी सदस्य भी बना दिया।
1974 में हुआ था पंजीकरण
कॉलेज कमेटी के सदस्य रविंद्र सिंह भदौरिया की शिकायत पर एडीजी के निर्देश पर इज्जतनगर थाने में पांच नामजद और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।
रविंद्र सिंह के अनुसार विद्यालय का पंजीकरण 1974 में कराया गया था। उस समय तारा सिंह भदौरिया को अध्यक्ष और कुंवर रंजीत सिंह को प्रबंधक बनाया गया था। 1986 से 1990 तक पंजीकरण का नवीनीकरण कुंवर रंजीत सिंह के प्रबंधक रहते हुए होता रहा। 1993 में तारा सिंह का निधन हो गया, इसके बाद ही गड़बड़ियां शुरू हो गईं।
नाबालिगों को बना दिया सदस्य
शिकायतकर्ता का आरोप है कि सुरेंद्र स्वरूप वर्मा ने 1986 और 1989 में फर्जी दस्तावेज बनवाकर खुद को अध्यक्ष और प्रकाश चंद्र माघवर को प्रबंधक दिखाया। इसके अलावा भारत भूषण सिंह, सविता सिंह और राशि इन्द्रीवर को कार्यकारिणी का सदस्य बना दिया गया, जबकि ये तीनों उस समय नाबालिग थे। भारत भूषण की जन्मतिथि 19 जुलाई 1981 है यानी 1986 में वह महज पांच साल का था। इसके बावजूद उसे संस्था का सदस्य दिखाया गया।
मृतक को दिखाया जीवित
इतना ही नहीं आरोपियों ने 1987-88 और 1988-89 की कार्यकारिणी सूची में भारत भूषण सिंह के पिता के नाम की जगह स्व. तारा सिंह का नाम दर्ज किया, जबकि उनका निधन 1993 में हुआ था।
इन लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
पुलिस ने तहरीर के आधार पर सुरेंद्र स्वरूप वर्मा, भारत भूषण सिंह, प्रकाश चंद्र माघवर, सविता सिंह, राशि इन्द्रीवर और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और साजिश की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
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