रुहेलखंड विश्वविद्यालय में कल होगा 23वां दीक्षांत समारोह

समारोह में 111 शोधार्थियों को पी.एच.डी. और 94 छात्रों को गोल्ड मेडल दिया जाएगा। सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं और कई नई परंपराओं की शुरुआत होगी।

रुहेलखंड विश्वविद्यालय में कल होगा 23वां दीक्षांत समारोह
रुहेलखंड विश्वविद्यालय में कल होगा 23वां दीक्षांत समारोह
HIGHLIGHTS:

➡️ रुहेलखंड विश्वविद्यालय का ऐतिहासिक 23वां दीक्षांत समारोह
➡️ दो राज्यपाल एक मंच पर: आनंदीबेन पटेल व संतोष गंगवार
➡️ पहला लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड संतोष गंगवार को
➡️ ‍ 111 शोधार्थियों को पी.एच.डी. 94 छात्रों को गोल्ड मेडल
➡️ सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम, प्रशासन सतर्क
➡️ नई शैक्षणिक परियोजनाओं और कृषि संकाय का शुभारंभ
➡️ विश्वविद्यालय में नई परंपराओं की शुरुआत, गौरवशाली इतिहास का उत्सव

दो राज्यपालों की मौजूदगी में सुरक्षा कड़ी, नई परंपराओं की शुरुआत

जन माध्यम 
बरेली।
महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय का 23वां दीक्षांत समारोह कल अटल सभागार में आयोजित किया जाएगा। यह समारोह इस बार कई मायनों में विशेष और ऐतिहासिक माना जा रहा है। सबसे खास बात यह है कि इसमें दो राज्यपाल एक साथ मंच साझा करेंगे। प्रदेश की राज्यपाल और विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगी, जबकि झारखंड के राज्यपाल और विश्वविद्यालय के गौरवशाली पूर्व छात्र संतोष गंगवार को पहली बार लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। यह अवार्ड विश्वविद्यालय द्वारा नई परंपरा के रूप में शुरू किया गया है।

विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि इस पहल का उद्देश्य उन शिक्षकों और पूर्व छात्रों को सम्मानित करना है जिन्होंने शिक्षा, शोध और समाज सेवा के क्षेत्र में योगदान दिया है और विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया है। संतोष गंगवार की यह उपलब्धि विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि उन्होंने न केवल अपने प्रशासनिक कार्यों के माध्यम से समाज सेवा में योगदान दिया, बल्कि विश्वविद्यालय के विकास और शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

दीक्षांत समारोह में इस वर्ष 111 शोधार्थियों को डॉक्टरेट पी.एच.डी. की उपाधि और 94 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए जाएंगे। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आईआईटी रोपड़ के निदेशक प्रोफेसर राजीव अहूजा भी उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा उच्च शिक्षा मंत्री, राज्य मंत्री और कई अन्य जनप्रतिनिधि भी इस गौरवपूर्ण अवसर में शामिल होंगे। दो राज्यपालों के मंच पर होने से विश्वविद्यालय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। दिल्ली ब्लास्ट की घटनाओं के बाद से सुरक्षा एजेंसियां अधिक सतर्क हैं।

राज्यपालों की सुरक्षा टीम मंगलवार रात तक विश्वविद्यालय पहुंच चुकी है। जिला प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के लिए विशेष कदम उठाए हैं और प्रत्येक प्रमुख स्थल पर चौकसी और निगरानी को बढ़ा दिया गया है। साथ ही, विश्वविद्यालय परिसर में एक लाइजनिंग अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो सुरक्षा और आयोजन से जुड़े सभी मामलों का समन्वय करेंगे।

दीक्षांत समारोह गुरुवार सुबह 11 बजे अटल सभागार में शुरू होगा, लेकिन उससे पहले बुधवार दोपहर 3 बजे शोभायात्रा का रिहर्सल आयोजित किया गया। कुलपति प्रो. के.पी. सिंह ने सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और संबंधित स्टाफ से समय पर उपस्थित रहने की अपील की है। यह रिहर्सल सुनिश्चित करेगा कि समारोह दिन के तय समय पर बिना किसी व्यवधान के संपन्न हो।

समारोह में शामिल होने वाले सभी सदस्यों के लिए ड्रेस कोड भी तय किया गया है। कुलसचिव हरीश चंद के अनुसार, पुरुष सदस्य बंद गले का ऑफ-व्हाइट कोट-पैंट पहनेंगे, जबकि महिला सदस्य लाल बॉर्डर वाली ऑफ-व्हाइट साड़ी और लाल ब्लाउज पहनेंगी। आवश्यकता पड़ने पर महिलाएं ऑफ-व्हाइट कोट या स्वेटर भी पहन सकती हैं। गेस्ट हाउस की मेजबानी होटल मैनेजमेंट विभाग के छात्रों द्वारा की जाएगी, जिससे समारोह की व्यवस्थाओं में पेशेवर टच और सहजता बनी रहे।

दीक्षांत समारोह के दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल विश्वविद्यालय में पांच नवनिर्मित परियोजनाओं का उद्घाटन भी करेंगी। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है नवगठित कृषि संकाय, जिसमें बीएससी ऑनर्स एग्रीकल्चर और एमएससी एग्रोनॉमी, हॉर्टिकल्चर, जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग सहित छह विभाग प्रस्तावित किए गए हैं।

कृषि संकाय की स्थापना विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को कृषि शिक्षा और शोध के क्षेत्र में नई संभावनाओं से अवगत कराएगी और उन्हें आधुनिक कृषि तकनीकों में दक्ष बनाएगी।इसके अलावा, विश्वविद्यालय ने इस अवसर पर शिक्षा और शोध के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षक और छात्र को सम्मानित करने के लिए नई पहल की है।

लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड के साथ ही विश्वविद्यालय ने बेस्ट रिसर्चर अवार्ड और विशिष्ट योगदान के लिए अन्य पुरस्कार भी शुरू किए हैं। ये पुरस्कार न केवल छात्रों और शिक्षकों के लिए प्रोत्साहन का काम करेंगे, बल्कि विश्वविद्यालय की शिक्षा और शोध की गुणवत्ता को भी बढ़ावा देंगे।

रुहेलखंड विश्वविद्यालय का यह दीक्षांत समारोह सिर्फ एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं है। यह छात्रों के शैक्षणिक और सामाजिक जीवन का प्रतीक है। शोध और शिक्षा के क्षेत्र में उपलब्धियां प्राप्त करने वाले छात्रों को सम्मानित करना उनके लिए प्रेरणा का स्रोत बनता है। साथ ही, विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र और समाज में योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करना अन्य छात्रों के लिए आदर्श प्रस्तुत करता है।

दो राज्यपालों की मौजूदगी से यह समारोह और भी विशेष बन गया है। इससे न केवल सुरक्षा कड़ी हुई है, बल्कि यह विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा और सम्मान को भी बढ़ाता है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिसर में उपस्थित सभी छात्र, शिक्षक और अतिथि इस ऐतिहासिक पल का हिस्सा बनेंगे और इसे यादगार बनाएंगे।कुलपति प्रो. के.पी. सिंह और प्रशासन की टीम अंतिम तैयारियों में जुटी है। समारोह स्थल, गेस्ट हाउस, स्वागत मंच, मंच सजावट और सुरक्षा के सभी प्रबंध पूर्ण रूप से सुनिश्चित किए जा रहे हैं। साथ ही, छात्रों और कर्मचारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे समय पर उपस्थित होकर समारोह को भव्य और यादगार बनाएं।

रुहेलखंड विश्वविद्यालय का यह 23वां दीक्षांत समारोह न केवल शिक्षा और शोध की उपलब्धियों का उत्सव है, बल्कि नई परंपराओं की शुरुआत और विश्वविद्यालय की गौरवशाली यात्रा को भी दर्शाता है। लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड के माध्यम से संतोष गंगवार जैसे पूर्व छात्रों को सम्मानित कर विश्वविद्यालय अपने गौरवशाली इतिहास और भविष्य की दिशा दोनों को उजागर कर रहा है।इस प्रकार, यह दीक्षांत समारोह शिक्षा, शोध, समाज सेवा और सम्मान की त्रिवेणी का प्रतीक बनकर छात्रों, शिक्षकों और समाज के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनने जा रहा है।