बिजली विभाग में गड़बड़ी का खेल जारी, चेयरमैन ने दिए सख्त कार्रवाई के निर्देश
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन डॉ. आशीष गोयल के आदेशों के बावजूद बरेली मंडल में बिजली से जुड़े विकास कार्य समय पर पूरे नहीं हो पा रहे हैं। करोड़ों रुपये की लागत से चल रहे इन कार्यों में धीमी प्रगति, सामग्री की कमी, भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की वजह से उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बरेली। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन डॉ. आशीष गोयल के आदेशों के बावजूद बरेली मंडल में बिजली से जुड़े विकास कार्य समय पर पूरे नहीं हो पा रहे हैं। करोड़ों रुपये की लागत से चल रहे इन कार्यों में धीमी प्रगति, सामग्री की कमी, भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की वजह से उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
इसी को लेकर चीफ इंजीनियर रणविजय सिंह ने बुधवार शाम विभागीय अधिकारियों और ठेकेदारों के साथ एक समीक्षा बैठक आहूत की। जिसमें लंबित कार्यों की स्थिति पर चर्चा की गई। बैठक के दौरान सवाल उठा कि आखिरकार क्यों इन महत्वपूर्ण कार्यों में देरी हो रही है। ठेकेदारों ने अपनी शिकायतें सामने रखते हुए बताया कि बिजली विभाग के स्टोर से जरूरी सामग्री उपलब्ध नहीं हो रही है, जिससे कार्यों में रुकावट आ रही है। इसके अलावा ठेकेदारों ने भुगतान में देरी और कमीशन की मांग जैसे कारणों को भी इस देरी के लिए जिम्मेदार ठहराया। ठेकेदारों द्वारा की गई शिकायतों की जांच में यह सामने आया कि कई ठेकेदारों ने कार्यों को अधूरा छोड़ा है और मानकों का उल्लंघन किया है। विशेष रूप से आंवला क्षेत्र में घटिया गुणवत्ता के कार्यों की शिकायतें मिलीं। हालांकि, जांच में यह भी पाया गया कि कुछ ठेकेदारों और अधिकारियों की मिलीभगत से अधूरे और घटिया कार्य किए गए। इस पर चीफ इंजीनियर ने संबंधित अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
बैठक में ठेकेदारों ने बिजली सामग्री की कमी को भी एक बड़ी समस्या बताया। जब इस मुद्दे की गहन जांच की गई तो अधिशासी अभियंता ने यह स्वीकार किया कि सामग्री की कमी है। चीफ इंजीनियर ने तुरंत इसके समाधान के लिए आवश्यक निर्देश दिए हैं ताकि कार्यों में कोई और देरी न हो।
राजस्व वसूली में लापरवाही
इस बीच पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन डॉ. आशीष गोयल ने मंगलवार को लखनऊ में आयोजित एक बैठक में बरेली जोन-2 और अन्य क्षेत्रों में राजस्व वसूली की स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान राजस्व वसूली में भारी गिरावट पाई गई, जिससे डॉ. गोयल ने बरेली जोन-2 के मुख्य अभियंता पीके सिंह को कमजोर प्रदर्शन के कारण तत्काल प्रभाव से उनके पद से हटा दिया। इसके अलावा सहारनपुर, देवीपाटन, गोरखपुर और केस्को जोन के मुख्य अभियंताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
आंवला में घटिया माल की पुष्टि, उपभोक्ता परेशान
आंवला क्षेत्र में चल रहे बिजली सुधार कार्यों में घटिया गुणवत्ता की शिकायतों को लेकर भी जांच की गई। जिसमें पाया गया कि ठेकेदारों ने निर्धारित मानकों का पालन नहीं किया। इस पर चीफ इंजीनियर ने संबंधित ठेकेदार और अवर अभियंता के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। लंबित विकास कार्यों और धीमी प्रगति का सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है। बिजली सुधार कार्यों के कारण पूरे दिन बिजली आपूर्ति बाधित रहती है, जिससे उपभोक्ताओं को भारी परेशानी हो रही है। विकास कार्यों में देरी, घटिया गुणवत्ता और भ्रष्टाचार से उपभोक्ताओं का बिजली विभाग पर से भरोसा उठता जा रहा है।
चेयरमैन की सख्ती से हड़कंप
पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन डॉ. आशीष गोयल ने स्पष्ट कर दिया है कि विभाग में किसी भी प्रकार की लापरवाही या भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने ठेकेदारों और अधिकारियों को चेतावनी दी है कि विकास कार्यों को समय सीमा के भीतर और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए, ताकि उपभोक्ताओं को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
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