शहर में विकास की नई लहर, मेयर ने सख्त रवैया अपनाकर बदला शहर का नक्शा
बरेली में विकास की एक नई लहर उठ रही है और इसका श्रेय जाता है नगर निगम के मेयर डॉ. उमेश गौतम को। उनका सख्त रवैया और त्वरित फैसले शहर की सूरत बदलने में महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं। बरेली की सड़कों, गलियों, नालियों और अन्य बुनियादी सुविधाओं में अब तेजी से सुधार हो रहा है और इस बदलाव का जिम्मेदार कोई और नहीं, बल्कि मेयर साहब हैं, जिन्होंने खुद को सिर्फ कुर्सी पर बैठकर फैसले लेने वाले नेता से कहीं अधिक साबित किया है।
गुरुवार को जब डॉ. उमेश गौतम ने नगर निगम के विकास कार्यों की समीक्षा की, तो उन्होंने देखा कि कई कार्यों में गुणवत्ता से समझौता किया जा रहा था। मेयर ने जब 49 में से 17 फाइलों पर आपत्तियां उठाईं, तो अधिकारियों में हड़कंप मच गया। डॉ. गौतम ने स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी विकास कार्य में अब कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उनका कहना था कि जनता का पैसा जनता के विकास में लगना चाहिए, न कि भ्रष्टाचार में। हर सड़क, नाली और गली निर्माण में गुणवत्ता सर्वोपरि होनी चाहिए।
मेयर ने इंजीनियरों को साफ चेतावनी दी कि यदि निर्माण कार्य में कोई भी लापरवाही हुई, तो अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने सभी अधिकारियों को यह निर्देश दिए कि निर्माण कार्यों में गति लाई जाए। खासकर उन गलियों के निर्माण कार्यों को जल्दी पूरा किया जाए। जो धीमी गति से चल रहे थे। उन्होंने कहा कि मानसून से पहले ये सभी काम निपटा दिए जाएं, ताकि बारिश के दौरान जलभराव और खराब सड़कों की समस्या से बचा जा सके।
मेयर ने सिर्फ कागजी कार्यवाही तक सीमित रहने के बजाय ऐलान किया कि वे खुद मौके पर जाकर विकास कार्यों की गुणवत्ता की जांच करेंगे। उनका कहना था कि हम सिर्फ फाइलों पर दस्तखत करने वाले लोग नहीं हैं। जनता के पैसे से जो काम हो रहा है उसकी गुणवत्ता की जिम्मेदारी हमारी भी बनती है। मैं खुद जाकर देखूंगा कि काम सही तरीके से हो रहे हैं या नहीं।
मेयर के इस सख्त रवैये ने बरेली की जनता में एक नया विश्वास जागृत किया है। अब लोग समझ रहे हैं कि यह मेयर केवल वायदे नहीं करते, बल्कि कार्य करके दिखाते हैं। उनके नेतृत्व में शहर का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत हो रहा है, ट्रैफिक व्यवस्था सुधर रही है और गंदगी जैसी समस्याओं पर भी तेजी से काम हो रहा है।
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